तेरे ख़याल के ख़याल से हैं चाहत ।
मिलकर भी मिलती नहीं राहत ।
तुझसे ज्यादा हैं तेरी याद खूबसूरत ।
कम्बक्त क्या चीज़ हैं ये मोहोब्बत ||
हो रही हैं अब खुद से नफरत ।
तेरे खयालों में घिर्गई हु हर वक़्त ।
होकर भी तुम अजनबी, लगते हो मेरी अमानत ।
कम्बक्त क्या चीज़ हैं ये मोहोब्बत ||
हर जवा दिल की यही होती हैं हस्रत ।
हो जाये उन पर भी ये इनायत, करके दिल पर हुकूमत । की
बंजाये ज़िन्दगी जीने लायक ।
कम्बक्त क्या चीज़ हैं ये मोहोब्बत ||
- पूर्णिमा
8 comments:
This is brilliant. Loved it Poornimaji..
thx so much Bhanu....:)
A very cute one Pooru... Each line ending with one of the sweetest question in d whole world...
Lovely Poetic shaayari..
Keep coming with such beautiful lines... :)
thx Monu will do for sure.. :)
Very nice... :)
thx Santosh!
beautifully written
One of ur best so far..!
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